नई दिल्ली, मार्च 7 -- दिल्ली हाईकोर्ट का कहना है कि नाबालिग लड़की के होंठों को छूने, दबाने और उसके बगल में सोने को तब तक POCSO कानून के तहत गंभीर यौन उत्पीड़न अपराध नहीं माना जा सकता, जब तक की उसमें यौन इच्छा शामिल ना हो। कोर्ट ने यह बात हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान कही। जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि नाबालिग के साथ हुआ यह कृत्य उसकी गरिमा का उल्लंघन तो कर सकता है, लेकिन यौन इरादे को प्रकट किए बिना यह POCSO (यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम) कानून की धारा 10 के तहत आरोप कायम करने के लिए जरूरी कानूनी सीमा को पूरा नहीं करता है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से उस पर हमला करने या आपराधिक बल प्रयोग करने का स्पष्ट मामला तो बनता ...