नई दिल्ली, सितम्बर 10 -- बात 1949-50 की है। चीन में कम्युनिस्ट क्रांति हो चुकी थी और चीन विस्तारवादी नीति के तहत 1950 तक तिब्बत पर कब्जा कर चुका था। उसी दौर में चीन और भारत के बीच स्थित एकमात्र हिन्दू राष्ट्र नेपाल भी राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था। उस वक्त राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह नेपाल के राजा थे। चीन की बढ़ती आक्रामकता का वजह से त्रिभुवन बीर चिंतित हो गए थे। तब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को ये ऑफर दिया था कि वह हिमालयी देश नेपाल का विलय भारत में कर लें और उसे एक राज्य बना दें लेकिन पंडित नेहरू ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब "द प्रेसिडेंशियल इयर्स" में लिखा है कि नेपाल भारत में विलय चाहता था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस प्रस्ताव को ठु...
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