नई दिल्ली, सितम्बर 8 -- दसवीं विधानसभा में बिहार की राजनीति ने नयी करवट ली। इसके बाद राज्य में नये राजनीतिक समीकरण बने। इसने कांग्रेस की न केवल सत्ता से विदाई कर दी, बल्कि उसे राजनीतिक हाशिये पर ला दिया। महज एक चुनाव पहले प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने वाली कांग्रेस को इस चुनाव में भारी झटका लगा। वह एकदम से अर्श से फर्श पर पहुंच गयी। पिछले चुनाव में उसने 196 सीटें जीती थी, लेकिन इस बार उसकी 125 सीटें घट गयी और वह सीधे 71 पर पहुंच गयी। इस चुनाव में वीपी सिंह की लहर थी। 1989 में केंद्र में वीपी सरकार के गठन का कारण भी यही लहर थी। बिहार में भी वीपी लहर पर सवार होकर जनता दल ने शानदार जीत हासिल की। यह लहर पिछले चुनाव के राजीव लहर पर भारी पड़ी। इसी का परिणाम हुआ कि कांग्रेस की विदाई हो गयी। जनता दल के रूप में फिर से नया विकल्प सामने आया। इसने सहयो...
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