नई दिल्ली, अगस्त 5 -- पिछले कुछ हफ्तों से वैश्विक कूटनीति और व्यापार के मंच पर एक नया तूफान खड़ा हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को रूस से तेल और हथियार खरीदने के लिए 25% टैरिफ और अतिरिक्त पेनल्टी की धमकी दी है। उनका दावा है कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुनाफे के लिए बेच रहा है, जिससे रूस को यूक्रेन युद्ध में आर्थिक मदद मिल रही है। लेकिन यह कहानी उतनी सीधी नहीं है, जितनी दिखाई देती है। भारत में पूर्व अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी का एक बयान फिर से वायरल हो रहा है जिससे इस कहानी में अमेरिका का पाखंड साफ दिख रहा है। गार्सेटी ने पिछले साल कहा था कि अमेरिका खुद चाहता था कि भारत रूस से तेल खरीदे ताकि वैश्विक ऊर्जा बाजार स्थिर रहे। तो फिर अब यह पलटवार और धमकियां क्यों? क्या यह अमेरिका का पाखंड ह...