नई दिल्ली, नवम्बर 25 -- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपनी रेजिमेंट के साथ सामूहिक धार्मिक रस्मों के लिए मंदिर और गुरुद्वारे में जाने से इनकार करने वाले सेना के ईसाई अधिकारी को राहत देने से इनकार कर दिया और उसकी बर्खास्तगी को बरकरार रखा है। शीर्ष अदालत ने उस ईसाई अधिकारी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उसका व्यवहार 'बड़ी अनुशासनहीनता' है और वह सेना में रहने लायक नहीं है। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने नौकरी से हटाने के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज करते हुए उसे सेना के लिए 'पूरी तरह से मिसफिट' बताया। पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले में भी हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने भी अधिकारी की बर्खास्तगी को बरकरार रखा था। शीर्ष अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता सैमुअल कमलेसन का आचरण सैन्य अनुशासन के अनुरूप नहीं था। ...