शिमला, अक्टूबर 30 -- हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में टिप्पणी करते हुए यह स्पष्ट किया है कि 'साली' शब्द का इस्तेमाल भले ही एक गंदी गाली है, लेकिन जब तक इससे शांति भंग न हो या ऐसा होने की संभावना नहीं हो, यह इरादतन अपमान करने के दायरे में नहीं आता। हाईकोर्ट ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 504 के तहत निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को भी रद्द कर दिया। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस राकेश कैंथला ने कहा कि इस मामले में 'साली' शब्द का इस्तेमाल गंदी गाली देने जैसा है। पीड़ित शिकायतकर्ता ने यह नहीं कहा कि इस शब्द या गंदी गालियों ने उसे शांति भंग करने के लिए उकसाया। कोर्ट ने कहा कि इसलिए, यह आवश्यक तत्व कि अपमान की वजह से शिकायत करने वाले ने शांति भंग की हो, यहां मौजूद नहीं है। साथ ही ट्रायल कोर्ट ने भी यह ...