झांसी, फरवरी 15 -- झांसी (गुरसरांय), संवाददाता कुरैठा के हनुमानजी मंदिर पर चल रहे सांस्कृतिक महोत्सव में कथा में भागवताचार्य डॉ. श्याम सुन्दर पाराशर महाराज ने कहा कि निष्काम भक्ति से ही भगवान प्रसन्न होते हैं। दूसरे का उत्कर्ष देखकर जो प्रसन्न होता है, वही भागवत सुनने का अधिकारी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने पूर्व जन्मों के कर्मों को लेकर पैदा होता है। जीवन मे धर्म को जानो और तत्व को पहिचानो। निर्गुण, निराकार, सगुण साकार, भगवान एक ही तत्व है। मानव शरीर से ही उसे जाना जा सकता है। बोले, पांडवों पर कितने भी संकट आये हों, लेकिन धर्म उनके साथ था। इसलिए उनकी विजय हुई। उन्होंने कहा कि सम्मानित व्यक्ति का समाज मे अपमान हो जाये तो वह मृत्यु समान होता है। भीष्म पितामह ने अपनी बुद्धि को बेटी मानकर भगवान को समर्पित किया। भागवत का मूल पाठ ...