नई दिल्ली, सितम्बर 1 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि 'संदेह से परे सिद्धांत के 'गलत इस्तेमाल के कारण असली अपराधी कानून के शिकंजे से बच निकलते हैं। अदालत ने आगे कहा कि बरी होने के ऐसे हर मामले समाज की सुरक्षा की भावना के विरुद्ध एवं आपराधिक न्याय प्रणाली पर एक धब्बा है। न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दो आरोपियों को दोषी ठहराने के निचली अदालत के फैसले को कायम रखते हुए यह टिप्पणी की। पीठ ने पटना हाईकोर्ट के सितंबर 2024 के फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें दो आरोपियों को बरी कर दिया गया था। पीठ ने कहा कि किसी निर्दोष को उस चीज के लिए सजा नहीं मिलनी चाहिए जो उसने नहीं की, बल्कि किसी भी अपराधी को अनुचित संदेह और प्रक्रिया के गलत इस्तेमाल के आधार पर बरी नहीं किया जाना चाहिए। शीर्ष अ...