नई दिल्ली। निखिल पाठक, जुलाई 22 -- शादी टूटने के बाद अक्सर महिलाएं अदालत का दरवाजा खटखटाकर ससुराल में छोड़ी गई वस्तुओं को स्त्रीधन बताकर वापस करने की मांग करती हैं। ऐसे ही एक मामले में कड़कड़डूमा की महिला अदालत ने स्पष्ट किया कि शादी में दी गई प्रत्येक वस्तु स्त्रीधन नहीं होती है। कई वस्तुएं केवल सामान्य उपहार की श्रेणी में आती हैं। इसी टिप्पणी के साथ न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सोनिका की अदालत ने महिला की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने विवाह के दौरान दिए गए स्त्रीधन और एक कार की वापस करने की मांग की थी। अदालत ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता अपने दावों के समर्थन में बिल, फोटो जैसे कोई प्राथमिक प्रमाण और गवाहों के हलफनामे प्रस्तुत नहीं कर सकी। ऐसे में केवल एक विवादित और अप्रमाणित लिस्ट के आधार पर स्त्रीधन लौटाने का आदेश न्याय...
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