नई दिल्ली, जनवरी 28 -- सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम महिला की ओर से शरीयत को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। महिला का कहना है कि उसे शरीयत कानून में विश्वास नहीं है और वह चाहती है कि उस पर उत्तराधिकार कानून लागू हो। अब अदालत ने इस पर केंद्र सरकार की राय मांगी है। एक्स-मुस्लिम्स ऑफ केरल की महासचिव और अलाप्पुझा की रहने वाली सफिया पीएम ने यह याचिका दाखिल की, जिस पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई की। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिका में दिलचस्प सवाल उठाया गया है। उन्होंने कहा, 'याचिकाकर्ता महिला जन्म से मुस्लिम है। अब उसका कहना है कि वह शरीयत में विश्वास नहीं करती है और उसे लगता है कि यह पिछड़ा कानून है।' मेहता ने इस मुद्दे पर जवाबी हलफनामा दाय...