प्रयागराज, नवम्बर 21 -- प्रयागराज मुख्य संवाददाता ईश्वर शरण पीजी कॉलेज में शुक्रवार को भारतीय समाज विज्ञान अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित 'समकालीन सांस्कृतिक और सामाजिक प्रसंग में शंकराचार्य के दर्शन की सार्थकता' विषयक पर दो दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन हुआ। मुख्य अतिथि राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्यकाम ने कहा कि शंकराचार्य का दर्शन बहुआयामी, अत्यन्त व्यापक और समावेशी है, जिसे मात्र दर्शनशास्त्र तक सीमित रखना उस भारतीय ज्ञान परम्परा की उपेक्षा होगी, जिसने भारत को विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित किया था। विशिष्ट वक्ता आरएसएस पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सुभाष ने कहा शंकराचार्य का दर्शन इतना सूक्ष्म और व्यापक है, जिसने परवर्ती भारतीय मानस को प्रभावित किया। मुख्य वक्ता बीएचयू के दर्शनशास्त्र...
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