अल्मोड़ा, मार्च 5 -- जागेश्वर धाम में उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार की ओर से बुधवार को दो दिवसीय विवाह संस्कार प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू हुई। संस्कृत अकादमी से आए वक्ताओं ने पुरोहितों को विवाह संस्कार संपन्न करवाने की जानकारियां दीं। कहा कि ब्राह्मण विवाह में कर्म का लोप न होने दें। प्रशिक्षण लेने वाले पुजारियों को प्रमाणपत्र भी दिए जाएंगे। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि तहसीलदार बरखा जलाल और मंदिर प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष नवीन भट्ट ने किया। संस्कृत अकादमी के शोध अधिकारी डॉ. हरीश चंद्र गुरुरानी ने संस्कृत और वेदों से जुड़ी तमाम जानकारियां दीं। उन्होंने मौजूदा समय में विवाह संस्कार शॉर्टकट तरीके से संपन्न कराने पर चिंता जाहिर की। कहा कि विवाह में ब्राहाण दंड का स्वरूप होता है। उन्होंने कहा कि विवाह में किसी भी कर्मकांड का लोप नहीं ह...