गया, नवम्बर 7 -- कभी गोलियों की गूंज से थर्राता लाल सलाम इलाका अब लोकतंत्र की जयघोष कर रहा है। जहां कभी बंदूक की नली से कानून निकलता था, वहीं अब वोट की स्याही से भविष्य लिखने के लिए दंभ भर रहे हैं। गया जी जिले के इमामगंज, डुमरिया, बांकेबाजार, बाराचट्टी, शेरघाटी और गुरुआ जैसे कभी लाल झंडों से सजे इन इलाकों में अब लोकतंत्र के रंग बिखर गए हैं। युवाओं के चेहरे पर जोश है, बुजुर्गों में गर्व, और महिलाओं में बदलाव की आस। दशकों तक बंदूक के साए में जीने वाले लोग अब विकास, शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य और रोजगार को अपना चुनावी मुद्दा बना चुके हैं। गांव-गांव में पहले मतदान, फिर जलपान का संदेश गूंज रहा है। लोग अब भय की जगह विश्वास और उम्मीद के साथ बूथ तक पहुंचने की तैयारी में हैं। मतदाताओं में रौनक दिख रही है। युवाओं से लेकर बुजुर्गों और महिलाओं तक, हर वर्...