नई दिल्ली, मई 6 -- कहते हैं कि सपने हमेशा बड़े होने चाहिए। ये प्रेरणा देते हैं और आत्मविश्वास भी जगाते हैं। लेकिन सपनों को पूरा करने के लिए सबकुछ झोंकना पड़ता है। उसे हासिल करने की जिद और जुनून में बाकी सब कुछ भूलना पड़ता है। खुद पर पक्का भरोसा हो तो जिद और जुनून से खुली आंखों से देखे सपने सच भी होते हैं। विराट कोहली इसके मिसाल हैं। उनके बचपन की टीचर विभा सचदेव को आज भी याद है कि कोहली अक्सर कहा करते थे कि मैम, मैं अगला सचिन तेंदुलकर बनूंगा।सच कर दिखाया सपना विराट कोहली आज 36 साल के हो चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में टी-20 और वनडे में वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले तीसरे बल्लेबाज हैं। उनके नाम वनडे इंटरनेशनल में सबसे ज्यादा शतक हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनसे ज्यादा शतक सिर्फ और सिर्फ सचिन तेंदुलकर के ही हैं। आईपीएल इतिहास में विराट...