नई दिल्ली, सितम्बर 2 -- असम में निष्कासन अभियान पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने चिंता जताई है। मंगलवार को उन्होंने कहा, 'लोगों को धर्म के आधार पर बांटा जा रहा है ताकि सत्ता हासिल की जा सके। खास तरह के नारे लगाए जा रहे हैं, उन्हें अलग समुदाय कहा जा रहा है, उन्हें मिया बुलाया जा रहा है, उन्हें अज्ञात कहा जा रहा है, उन्हें संदिग्ध कहा जा रहा है और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह रवैया उस बर्बर तरीके से ज्यादा दुखदायी है जिसमें निष्कासन किया जा रहा है।' मदनी ने कहा कि अगर कोई संदिग्ध है तो संदेह को दूर करने का एक तरीका है। आप उस तरीके को क्यों नहीं अपनाते? अगर कोई विदेशी है तो आप उन्हें निर्वासित क्यों नहीं करते? हम इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। हम यह बर्दाश्त नहीं कर सकते कि कोई विदेशी यहां रहे। यह भी पढ़ें-...