फतेहपुर, नवम्बर 21 -- खागा। पशु चिकित्सकों के मुताबिक कृमिनाशक दवाओं का उचित प्रयोग नवजात पशुओं के जीवन के लिए अत्यन्त जरूरी है। वह बताते हैं कि नवजात पशुओं को सरसों का तेल, अजवायन, मेंथी व लहसुन जबरदस्ती नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से चीजें पशु के फेफड़ों में जाकर मौत का कारण बन सकती हैं। खखरेरू स्थित पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश चन्द्र बताते हैं कि ब्याने के ठीक 12 दिन बाद नवजात पशु को कृमिनाशक औषधि की पहली खुराक प्रशिक्षित पशु चिकित्सक की राय से जरूर दें। माना जाता है कि कृमि नाशक दवा की उचित मात्रा, सेवन विधि व कौन सा कृमिनाशक दें, यह तीनों तथ्य नवजात पशुओं का भविष्य तय करने में सहायक माने जाते हैं। बिडंबना यह भी है कि कभी कभी सब कुछ सही होने पर भी नवजात की मौत हो जाती है। नवजात पशु की आंतों में जब बहुत समय तक मरे हुए क...