नई दिल्ली। हेमलता कौशिक, नवम्बर 4 -- राजधानी दिल्ली के निजी स्कूलों में बढ़ी फीस जमा न करने पर छात्रों के उत्पीड़न और मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने के मामले को दिल्ली हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने शिक्षा निदेशालय से कड़े शब्दों में पूछा कि बगैर अनुमति फीस बढ़ाने वाले स्कूलों के भूमि आवंटन को रद्द करने के आदेश पर चुप्पी क्यों साधी है। इसका जवाब पेश करें। जस्टिस अमित महाजन की बेंच ने सोमवार को दिल्ली शिक्षा निदेशालय (डीओई) से पूछा कि उसने मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने वाले स्कूलों के खिलाफ अब तक क्या कदम उठाए हैं। बेंच ने कहा कि यह भी बताएं कि जब पहले ही ऐसे स्कूलों की लिस्ट तैयार कर ली गई थी, जिनका भूमि आवंटन रद्द करना था, तो यह लिस्ट दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को अब तक क्यों नहीं सौंपी गई। इस देरी की वजह बताएं। बेंच ने कहा कि एक ...