नई दिल्ली, सितम्बर 5 -- बॉम्बे हाईकोर्ट का कहना है कि दादी का पोते के साथ अच्छा रिश्ता भी उसे माता-पिता की तुलना में बच्चे की कस्टडी का अधिकार नहीं देता। न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ ने गुरुवार को एक मामले में यह टिप्पणी करते हुए एक महिला को निर्देश दिया है कि वह अपने पांच वर्षीय पोते की कस्टडी बच्चे के जैविक माता-पिता को लौटा दे। पीठ ने कहा कि दादी का बच्चे के साथ भावनात्मक रिश्ता हो सकता है, लेकिन इस तरह का लगाव उसे जैविक माता-पिता की तुलना में बच्चे की देखभाल का अधिकार नहीं देता। अदालत ने कहा कि बच्चे पर जैविक माता-पिता के अधिकारों को केवल तभी सीमित किया जा सकता है, जब यह साबित हो जाए कि उन्हें बच्चे की कस्टडी प्रदान करना बच्चे के कल्याण के लिए हानिकारक होगा। अदालत ने दादी की इस दलील को अस्वीकार कर दिया कि य...