नई दिल्ली। हेमलता कौशिक, अगस्त 18 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने किरायेदारों के अधिकारों को मजबूत करने वाला एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि कोई किरायेदार अपने बिजली मीटर का लोड कम कराना चाहता है तो इसके लिए उसे मकान मालिक से अनापत्ति पत्र (एनओसी) की आवश्यकता नहीं है। वह स्वयं आवेदन देकर यह काम करवा सकता है। जस्टिस मिनी पुष्करणा की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि यहां मामला सीधे-सीधे बिजली उपयोग से जुड़ा है। बिजली का वास्तविक उपभोक्ता किरायेदार है, इसलिए उसे यह अधिकार होगा कि वह अपनी आवश्यकता के अनुसार बिजली लोड कम करा सके। मकान मालिक का किराये से मिलने वाला लाभ प्रभावित नहीं होता, इसलिए इस प्रक्रिया में उसकी अनुमति लेना जरूरी नहीं है। बेंच ने कहा कि किरायेदार को वास्तविक खपत से ज्यादा बिल चुकाने के लिए मजबूर करना न्यायसंगत नहीं है...