नई दिल्ली, अगस्त 30 -- सुप्रीम कोर्ट ने कथित तौर पर दहेज के लिए बहू के साथ क्रूरता करने के 24 साल पुराने केस में ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट द्वारा दोषी करार दी गई एक सास को बरी कर दिया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ससुराल वालों द्वारा बहू को दहेज के लिए प्रताड़ित की बातें हवा से भी अधिक तेज फैलती हैं। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की बेंच ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ शुक्रवार को एक याचिका पर यह फैसला सुनाया, जिसमें महिला की दोषसिद्धि और तीन साल की सजा बरकरार रखी गई थी। आरोपी सास को आईपीसी की धारा 498ए के तहत इस आधार पर दोषी ठहराया गया था कि उसकी मृत बहू ने अपने मायके वालों को दहेज उत्पीड़न होने की बातें बताई थीं।आईपीसी की धारा 498-ए, विवाहित महिला के प्रति उसके पति या उसके ससुरालवालों द्वारा की गई क्रूरता क...
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