अल्मोड़ा, नवम्बर 21 -- रानीखेत, संवाददाता। थापला स्थिति सीसीआरएएस में शुक्रवार को सेमिनार का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी कुणाल रोहिला ने आयुर्वेद को बेहतरीन प्राचीन चिकित्सा पद्धति बताया। वैज्ञानिकों ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय ज्ञान प्रणालियों के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देने तथा शोधकर्ताओं को औषधि विकास के लिए यह सेमिनार महत्वपूर्ण है। इस तरह के कार्यक्रम देश की पारंपरिक स्वास्थ्य प्रणाली के संरक्षण के साथ-साथ वैश्विक स्वास्थ्य चिकित्सा विज्ञान में महत्वपर्ण योगदान देते हैं। सीडीआरआई लखनऊ से पहुंची पूर्व निदेशक डा. मधु दीक्षित ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में नए आविष्कार और उपकरणों ने चिकित्सा विज्ञान को नई ऊर्जा दी है। वनस्पतियों का महत्व भी लगातार बढ़ रहा है...