नई दिल्ली, जुलाई 1 -- फेसबुक पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' की पोस्ट साझा करने के 62 वर्षीय आरोपी अंसार अहमद सिद्दकी की जमानत खारिज कर दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि राष्ट्र विरोधी मामलों के प्रति न्यायापालिका की सहनशीलता से इस तरह के मामलों में वृद्धि हो रही है। अंसार अहमद को जमानत देने से इनकार करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कहा कि देश में इस तरह के अपराध करना आम बात हो गई है। अदालतें, राष्ट्र विरोधी मानसिकता वाले व्यक्तियों के ऐसे कृत्यों के प्रति उदार और सहनशील हैं। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता का यह काम स्पष्ट रूप से संविधान का अपमान है। भारत विरोधी पोस्ट साझा करना देश की संप्रभुता को चुनौती देने जैसा और देश की अखंडता को बुरी तरह प्रभावित करने वाला है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता सीनियर सिटीजन हैं। उनकी उम्र बताती है कि वह स्वत...