नई दिल्ली, अक्टूबर 9 -- सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि 2021 के सरोगेसी कानून के तहत आयुसीमा उन इच्छुक जोड़ों पर लागू नहीं होगी, जिन्होंने 25 जनवरी, 2022 को कानून लागू होने से पहले भ्रूण 'फ्रीज' करने जैसी प्रक्रिया शुरू कर दी थी। न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने तीन जोड़ों द्वारा दायर याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया। पीठ ने कहा कि 25 जनवरी, 2022 से पहले सरोगेसी का लाभ लेने के इच्छुक जोड़ों पर आयु प्रतिबंध के संबंध में कोई बाध्यकारी कानून नहीं था। पीठ ने स्पष्ट किया कि अदालत अधिनियम के तहत आयुसीमा निर्धारित करने या इसकी वैधता पर निर्णय पारित करने में संसद के विवेक पर सवाल नहीं उठा रही है। पीठ ने कहा कि हमारे समक्ष मौजूद ये मामले उन जोड़ों तक सीमित हैं, जिन्होंने अधिनियम लागू होने से पहले सरोगेसी प्रक्र...