रायपुर, दिसम्बर 6 -- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा है कि एक महिला द्वारा बार-बार खुदकुशी करने की धमकियां देना उसके पति के प्रति मानसिक क्रूरता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें और पति पर धर्म बदलने के लिए लगातार दबाव डालना भी मानसिक क्रूरता है। जस्टिस रजनी दुबे और अमितेंद्र किशोर प्रसाद की बेंच ने गुरुवार को ये बातें छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के एक निवासी को तलाक देने वाले फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए कहीं। द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पत्नी ने जून 2024 के आदेश को चुनौती दी थी। बेंच ने इस बात पर जोर दिया कि क्रूरता सिर्फ शारीरिक नहीं होती, बल्कि इसमें याचिकाकर्ता के मन में उचित डर पैदा करने वाला व्यवहार भी शामिल हो सकता है। कोर्ट ने बताया कि पति ने 14 अक्टूबर 2019 को बालोद जिले के गुरूर थाने में ...