नैनीताल, अक्टूबर 31 -- नैनीताल, संवाददाता। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के केंद्रीय विश्वविद्यालय भूविज्ञान विभाग के छात्रों ने नैनीताल क्षेत्र में भूवैज्ञानिक अध्ययन किया। अध्ययन यात्रा के दौरान विभाग के डॉ. अनूप कुमार सिंह ने कहा कि नैनीझील, हरियाली और शांति के पीछे एक गंभीर भूगर्भीय संकट छिपा है। पर्वतीय क्षेत्रों की कम भार वहन क्षमता, अनियंत्रित निर्माण और कमजोर भूगर्भीय ढांचा नैनीताल को हर वर्ष विनाश की कगार पर खड़ा कर रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि जहां कभी वनस्पतियां वर्षाजल को रिसने से रोकती थीं, वहां आज कंक्रीट की दीवारें खड़ी हैं। अनियोजित निर्माण और ड्रेनेज व्यवस्था की उपेक्षा के कारण वर्षाजल झील तक पहुंचने के बजाय ढलानों में रिसकर भू-स्खलन को जन्म दे रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि वर्ष 1867 में बीडी पांडे अस्पताल के ...