वाराणसी, दिसम्बर 28 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। 'देख सको तो देखो' गजल संग्रह की गजलें वक्त का आईना हैं। इस आईने में वह सब कुछ देखा जा सकता है, जो समाज में आज घटित हो रहा है। ये बातें वरिष्ठ समीक्षक साहित्यभूषण से सम्मानित डॉ. जितेंद्रनाथ मिश्र ने कहीं। वह शनिवार को साहित्यिक संघ की ओर से अर्दली बाजार स्थित जिला राजकीय पुस्तकालय के सभागार में शिव कुमार 'पराग' के ग़ज़ल संग्रह 'देख सको तो देखो' के विमोचन समारोह को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 'पराग' की गजलें नए दौर में नए तौर के मिसरों से पाठक को बिल्कुल नए ठौर पर ले जाने में सक्षम हैं। मुख्य अतिथि बीएचयू के प्रो. वशिष्ठ अनूप ने कहा कि ग़ज़ल संग्रह 'देख सको तो देखो' की गजलें देश के बहुसंख्यक मेहनतकशों के जीवन और उनकी धड़कनों से जुड़ी हैं। शिव कुमार पराग की गजलों में इन्हीं आम आ...
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