लखीसराय, अक्टूबर 12 -- बड़हिया, निज प्रतिनिधि। दलहन उत्पादन के लिए देशभर में पहचान बना चुका बड़हिया-मोकामा टालक्षेत्र इस समय पूरी तरह जलमग्न है। खेतों में जलजमाव के कारण समय पर बुवाई न होने की आशंका से किसान गहरी चिंता में हैं। बिहार का यह टालक्षेत्र, जिसे दाल का कटोरा कहा जाता है, लगभग 1064 वर्ग हेक्टेयर में फैला हुआ है और हर वर्ष यहां हजारों किसान दलहन की खेती से अपनी आजीविका चलाते हैं। यह क्षेत्र न केवल किसानों के लिए आय का प्रमुख स्रोत है, बल्कि आसपास के जिलों और राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए भी रोजगार का बड़ा केंद्र है। ज्ञात हो कि दलहन के बुवाई का उपयुक्त समय हर साल 1 से 15 अक्टूबर तक माना जाता है। लेकिन इस वर्ष भारी जलभराव के कारण बड़हिया टालक्षेत्र के खेतों में पानी भरा हुआ है। कोहबरवा, घाघा, चौर, गौरघाट, सकरी, शिवपारी, ठारी ...