नई दिल्ली, नवम्बर 6 -- नई दिल्ली, प्र. सं.। पंचम निषाद क्रिएटिव्स की तरफ से गुरुवार शाम कमानी ऑडिटोरियम में 'तुका म्हणे काहे कबीरा' कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अनोखे संगीत संवाद ने संत तुकाराम और संत कबीर की भक्ति परंपराओं- सगुण और निर्गुण को एक मंच पर जीवंत किया गया। रंजनी-गायत्री ने तुकाराम की अभंगवाणी से विठोबा भक्ति का भावपूर्ण चित्रण किया। वहीं, भुवनेश कोमकली ने कबीरवाणी के माध्यम से निर्गुण उपासना की गहनता प्रस्तुत की। दोनों कलाकारों के प्रदर्शन ने दर्शकों को आध्यात्मिक संवाद का अनुभव कराया। डॉ. धनाश्री लेले ने हिंदी में दोनों संतों की दार्शनिक गहराई पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम को समृद्ध बनाया।

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