भागलपुर, जून 19 -- भागलपुर। हिंदी के प्रथम तिलिस्मी लेखक बाबू देवकीनंदन खत्री की 164वीं जयंती बुधवार को प्रगति शिक्षण संस्थान मंदरोजा में साहित्य सफर संस्था ने मनाई। संस्था के संस्थापक जगतराम साह कर्णपुरी की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में बाबू देवकीनंदन खत्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। साहित्यकार रंजन कुमार राय और मुख्य अतिथि अजय शंकर प्रसाद ने उन्हें 'खोजी दृष्टि वाला लेखक बताया, जिन्हें जंगलों और खंडहरों से तिलिस्म की प्रेरणा मिली। कर्णपुरी ने बताया कि बिहार के समस्तीपुर में जन्मे खत्री जी 'चंद्रकांता जैसे प्रसिद्ध उपन्यास के लिए जाने जाते हैं और हिंदी साहित्य में उनका योगदान गौरवपूर्ण है। इस दौरान प्रेम कुमार प्रिय, हिमांशु शेखर, शिवम कुमार, राजीव रंजन मौके पर उपस्थित थे।

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