नई दिल्ली, जुलाई 16 -- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) के पूर्व प्राध्यापक हनी बाबू को भीमा कोरेगांव-नक्सली संबंध मामले में जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट या अधीनस्थ अदालत का रुख करने को कहा। न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति पी. बी. वराले की पीठ ने बाबू की एक याचिका खारिज कर दी। याचिका में उन्होंने इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा था कि उनकी पिछली अपील वापस लेने से हाईकोर्ट को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करने से नहीं रोका गया है। बाबू के वकील ने बुधवार को दलील दी कि उन्होंने विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में पांच साल बिताए हैं और उन्होंने हाईकोर्ट का रुख करने के लिए शीर्ष अदालत से विशेष अनुमति याचिका वापस ले ली। एनआईए ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह अर्जी विचारणीय नहीं है और एनआईए अदालत में नई जमानत याचिका दायर क...