वाराणसी, अक्टूबर 6 -- वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। धान की सीधी बुवाई (डायरेक्ट सीडेड राइस या डीएसआर) अपनाने से कृषि प्रणाली में बड़ा परिवर्तन आएगा। इससे किसानों की समृद्धि भी बढ़ेगी। धान की सीधी बुवाई ऐसा नवाचार है, जो चावल आधारित कृषि-खाद्य प्रणालियों में व्यापक परिवर्तन की क्षमता रखता है। चांदपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (इरी) में रविवार से शुरू हुए तीन दिवसीय डीएसआर कॉन्क्लेव के शुभारम्भ पर कृषि विशेषज्ञों ने धान की सीधी बुवाई अपनाने पर चर्चा की। इसमें देश-विदेश के करीब 300 वैज्ञानिकों, नीति-निर्माताओं, निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों और प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। कॉन्क्लेव की शुरुआत सुबह 10 बजे 'धान की सीधी बुवाई: प्रगति, दृष्टिकोण और नीति मार्ग विषयक सत्र से हुई। अध्यक्षता करते हुए महानिदेशक डॉ. इवोन पिंटो ने कहा कि इ...
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