नैनीताल, नवम्बर 15 -- नैनीताल, वरिष्ठ संवाददाता। भुजियाघाट स्थित काया आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 'पीजीआई कॉन-2025' तीसरे दिन भी जारी रहा। अंतिम दिन शनिवार को दो पैनलों के बीच मधुमेह (डयबिटीज) और गठिया (ऑर्थराइटिस) रोग को लेकर विचार-विमर्श हुआ। बीजे मेडिकल कॉलेज पुणे के प्रो. जेवी दीक्षित ने कहा कि प्री-डायबिटीज को जागरूकता और समय पर हस्तक्षेप से रोका जा सकता है। उन्होंने जीवनशैली सुधार, उचित आहार और नियमित गतिविधियों को रोग नियंत्रण का मूल तत्व बताया। बैंगलुरु के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. शारदा ने षट-क्रियाकाल की निगरानी को उपचार और जटिलता की पहचान के लिए महत्वपूर्ण बताया है। होम्योपैथी चिकित्सक श्रीपद हेगड़े ने कहा कि मरीज की सक्रिय भागीदारी ही सफल उपचार की कुंजी हैं। नर्सिंग डॉ. राजकुमारी सिल्विया देवी ने नर्सों द्वार...