अल्मोड़ा, मार्च 9 -- जलवायु परिवर्तन के दौर में मोटे अनाजों की भूमिका बढ़ रही है। रोग प्रतिरोधक और उपजशील प्रजातियों को उगाकर इनकी बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकता है। यह बात वीपीकेएएस में हुई प्रशिक्षण कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने कही। भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र हवालबाग में 'श्री अन्न (मोटे अनाज) उत्पादन व उत्पाद विषय पर दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ। सहारनपुर जिले के उप कृषि निदेशक कार्यालय के अधीन कार्यरत समूह बी व समूह सी स्तर के 21 अधिकारियों व कर्मचारियों ने इसमें भाग लिया। कार्यक्रम में उन्हें मोटे अनाजों की उन्नत तकनीकों से अवगत कराया गया। वैज्ञानिकों ने पोषण सुरक्षा में मोटे अनाजों के महत्व की जानकारी दी। कहा कि जलवायु परिवर्तन के दौर में इनकी बढ़ती भूमिका काफी बढ़ गई है। संस्थान की...