नैनीताल, अप्रैल 7 -- नैनीताल, संवाददाता। कुमाऊं विवि के महिला अध्ययन केंद्र में सोमवार को उत्तराखंड की जनजातियों पर आधारित दो दिवसीय सम्मेलन शुरू हो गया है। संस्थापक प्रो. नीता बोरा शर्मा ने महिला अध्ययन केंद्र का नाम माता रानी जिया रानी महिला अध्ययन केंद्र रखने की घोषणा की है। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राजेश टंडन ने किया। मुख्य अतिथि टंडन ने कहा कि जनजातियों को संरक्षित करने के लिए उन्हें विकसित भारत की मुख्यधारा से जोड़ना होगा। इसके लिए आश्रय गृह की स्थापना भी आवश्यक है। परिसर निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड की थारू, बुक्सा, जौनसारी, भोटिया और राजी जैसी जनजातियां स्वदेशी परंपराओं की अमूल्य धरोहर हैं। इनके ज्ञान और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। प्रो. विजया रानी ने कहा कि जन...