नई दिल्ली, सितम्बर 23 -- सुप्रीम कोर्ट के पांच जज की संविधान पीठ ने मंगलवार को कहा कि कार्यभार के लिहाज से जज के रूप में एक वर्ष का कर्यकाल, वकील के रूप में पांच साल के बराबर है। संविधान पीठ ने उस महत्वपूर्ण कानूनी सवाल पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की कि क्या उन न्यायिक अधिकारियों को बार के लिए निर्धारित रिक्तियों के तहत जिला जज के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, जिन्होंने पीठ में शामिल होने से पहले सात वर्ष तक वकालत कर ली हो। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई की अगुवाई वाली संविधान पीठ जिला जज की नियुक्ति से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 233 की व्याख्या पर विचार किया। अनुच्छेद 233 किसी भी राज्य में जिला जज की नियुक्ति, पदस्थापन और पदोन्नति राज्यपाल द्वारा राज्य के हाईकोर्ट से परामर्श करने का प्रावधान है। इसमें यह भी कहा गया कि कोई व्यक...