लखनऊ, अप्रैल 24 -- लखनऊ, संवाददाता। कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में छह मिलियन से ज्यादा लोगों की जान ले ली। कोरोना वायरस के पैमाने व परिमाण जैसी कोई घटना पहले कभी नहीं हुई। इसने दुनिया को एकजुट किया, साथ ही बड़े पैमाने पर वैज्ञानिकों की कल्पना को एक मंच दिया। हमने देखा कैसे प्रकृति समय-समय पर मानवीय अहंकार और अज्ञानता की सीमाओं की याद दिलाती है, साथ ही दर्शाती है कि विज्ञान की सीमाएं वास्तव में अंतहीन हैं। यह बातें सीएसआईआर-एनबीआरआई में आयोजित एक व्याख्यान में मुख्य अतिथि पद्म विभूषण व बेंगलुरु आईआईएससी के पूर्व निदेशक प्रो. पद्मनाभन बलराम ने कहीं। दो दिवसीय शोधार्थियों के विज्ञान महोत्सव का समापन गुरुवार को हुआ।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...