नई दिल्ली, मई 2 -- भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं। देश के कानून को लेकर भी यह कहावत सही साबित हुई है। 10 साल की नाबालिग से रेप के एक आरोपी को 32 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल कैद की सजा सुना दी है। इससे पहले गुजरात के ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया था। लगभग 30 साल बाद पिछले साल गुजरात हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के फैसले को ही बरकरार रखा है। इस मामले में 54 साल के शख्स को सजा सुनाई गई है। घटना के वक्त आरोपी की उम्र 21 साल थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मैं जानना चाहता हूं कि आखिर किस बेअकल जज ने फरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट होने के बाद भी आरोपी को बरी कर दिया। डॉक्टरों और पीड़िता के बयान के बाद भी उसपर ध्यान नहीं दिया गया। बता दें कि घटना के एक साल बाद ही अहमदाबाद ग्रामीण क...
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