रांची, जुलाई 30 -- रांची, संवाददाता। फॉरेस्ट एंड टिंबर उप समिति की बुधवार को चैंबर भवन में चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें राज्य में काष्ठ आधारित उद्योगों को मंजूर लाइसेंस व उसके नवीनीकरण की अवधि 5 साल करने की मांग की गई। सदस्यों ने बताया कि अन्य राज्यों में वन विभाग 5 से 10 वर्षों के लिए लाइसेंस नवीकरण कर रहा है, जबकि झारखंड में यह अवधि मात्र एक वर्ष की है, जिससे व्यापारियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उप समिति के चेयरमैन तेजविंदर सिंह ने कहा कि साझेदारी में परिवर्तन एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे पार्टनरशिप एक्ट भी मान्यता देता है। लेकिन झारखंड में वन विभाग किसी साझेदार की मृत्यु या हटने के बाद लाइसेंस रद्द कर देता है, जिससे सॉ मिलें बंद हो जाती हैं। उन्होंने लाइसेंस में नामांतरण की अनुमति देने...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.