वाराणसी, सितम्बर 9 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। 'काशी से कन्याकुमारी सिर्फ यात्रा-वृत्तांत नहीं है। यह भारतीय संस्कृति की उत्तर से दक्षिण तक की एकता और अखंडता का दस्तावेज़ है। यह बातें डॉ. रामसुधार सिंह ने कहीं। वह प्रेमचंद मार्गदर्शन केंद्र (ट्रस्ट) की ओर से अर्दली बाजार स्थित राजकीय जिला पुस्तकालय के सभाकक्ष में सोमवार को हुए पुस्तक विमोचन समारोह में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि लेखक श्रीप्रकाश श्रीवास्तव की इस पुस्तक से उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकात्मता के दर्शन सहज किए जा सकते हैं। मुख्य अतिथि चंद्रभाल 'सुकुमार ने कहा कि यह पुस्तक आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक धरोहर का कार्य करेगी। अध्यक्षता कर रहे प्रो. श्रद्धानंद ने कहा कि 'काशी से कन्याकुमारी पुस्तक भारतीय संस्कृति, इतिहास और तीर्थ-परंपरा को उत्तर से...