प्रयागराज, मई 24 -- वाणी प्रकाशन से प्रकाशित 'अपर्णा गोरे' की कहानी संग्रह 'आंखों का तारा' का लोकार्पण सह परिचर्चा कार्यक्रम शनिवार को वाणी प्रकाशन में हुआ। मुख्य वक्ता साहित्यकार डॉ. रविनंदन सिंह ने कहा कि पहले की कहानियों में राजाओं-सामंतों, महाराजाओं और सोमदेव जैसे लोगों को रेखांकित किया जाता रहा है। लेकिन वर्तमान की कहानियों में ऐसा नहीं है। अब कहानी में बहुत परिवर्तन हुआ है। डॉ. मनोज माधव गोरे और आचार्य एचईजी का कहना है कि अपर्णा गोरे का लेखन समाज के लिए प्रेरणादायी हो, समाज को अच्छी दिशा में ले जाएं। लेखिका अपर्णा गोरे ने कहा कि मैं तो एक गृहिणी थी। इन किताबों ने मुझे लेखिका बना दिया। मेरी पहली विदेश यात्रा ने मुझे लिखने के लिए बाध्य कर दिया। प्रो. रतन कुमारी वर्मा ने कहा कि समसामयिक कहानीकारों का शिल्प गठन आज के पाठकों को बांधकर रख...