समस्तीपुर, मई 4 -- शाहपुर पटोरी। बहादुरपुर पटोरी में चल रहे श्रीविष्णु महायज्ञ सह रामकथा में श्रद्धालुओं की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। रविवार को वृंदावन से पधारीं कथावाचिका सुश्री दिव्यांशी जी ने कहा कि ऋषि-मुनियों की रक्षा के लिए प्रभु श्रीराम ने ताड़का-सुबाहु का वध किया था। उन्होंने कहा कि राक्षसों की प्रताड़ना से दु:खी ऋषियों ने रक्षा के लिए मुनि विश्वामित्र से गुहार लगाई थी। उनके आग्रह पर ही भगवान राम ने ताड़का-सुबाहु वध किया। उन्होंने कहा कि विश्वामित्र श्रीराम व लक्ष्मण को राजा जनक के दरबार में सीता स्वयंवर में ले जा रहे थे। वन के रास्ते में पड़ी एक शिला देख श्रीराम को विश्वामित्र ने गौतम ऋषि द्वारा अपनी पत्नी अहिल्या को श्राप देने तथा शिला बनने की कथा सुनाई। ऋषि की आज्ञा से श्रीराम ने अपने पैरों से शिला को स्पर्श किया तो अहिल्या प्र...