नई दिल्ली, जुलाई 10 -- सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि उसने फिल्म 'उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर के प्रदर्शन के खिलाफ याचिका तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार करते समय कोई लिखित आदेश पारित नहीं किया था। आरोपी मोहम्मद जावेद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि पीठ की टिप्पणी 'फिल्म को रिलीज होने दीजिए के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। इसके बाद न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ की ओर से यह स्पष्टीकरण आया है। सिब्बल द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने पर पीठ ने कहा कि उसने वास्तव में यह टिप्पणी की थी, लेकिन कोई लिखित आदेश पारित नहीं किया गया था और अदालत ने तत्काल सुनवाई के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।
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