अल्मोड़ा, अप्रैल 30 -- एसएसजे में मंगलवार को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हुआ। दूसरे दिन योग के साथ नदियों में हो रहे बदलावों पर भी मंथन किया गया। कहा कि उत्तराखंड में नदियां सूख रही हैं और उनकी लंबाई में भी कमी आ रही है। मंगलवार को एसएसजे में 'अर्थ गंगा: संस्कृति, विरासत, एवं पर्यटन के अंतर्गत "योग विज्ञान एवं अध्यात्म' विषय पर दो दिवस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हुआ। दूसरे दिन पर्यावरणविद प्रो. जीवन सिंह रावत ने गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के जल विज्ञान को समझाया। कहा कि उत्तराखंड की नदियां सूख रही हैं। उनकी लंबाई में कमी आ रही है जो कि चिंताजनक है। उन्होंने कोसी, पिंडर, अलकनंदा, भागीरथी, गगास, पश्चिमी रामगंगा, जटागंगा, शिप्रा, रामगाड़, गोमती आदि नदियों की स्थिति में हो रहे बदलाव पर चर्चा की। भूमिगत जल को बढ़ाने के लिए आगे...