नई दिल्ली। पीटीआई, अप्रैल 18 -- सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक आदेश पर नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि सजा के निलंबन के लिए दोषी की याचिका व्यक्ति तभी स्वीकार की जा सकती है, जब उसने अपनी आधी सजा काट ली हो। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने एक व्यक्ति की जमानत याचिका मंजूर कर ली। बेंच ने अपने आदेश कहा कि यदि लंबित मामलों की बड़ी संख्या के कारण हाईकोर्टों में निकट भविष्य में दोषसिद्धि के खिलाफ की गई अपील पर सुनवाई की कोई संभावना नहीं है तो दोषी को जमानत प्रदान की जानी चाहिए। बेंच ने 17 अप्रैल को सुनाए अपने फैसले कहा, "हम हैरान हैं कि हाईकोर्ट ने एक नए कानून का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसका कोई आधार नहीं है।'' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट को कानून को उसी रूप में लागू करना चाहिए, जै...