नई दिल्ली, नवम्बर 20 -- दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में हुए दंगों के मामले में आरोपी शरजील इमाम, उमर खालिद और अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं का गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कड़ा विरोध किया और अदालत को बताया कि यह स्व स्फूर्त दंगा नहीं था, बल्कि राष्ट्र की संप्रभुता पर पूर्व-नियोजित और सुनियोजित एक हमला था। साथ ही पुलिस ने अदालत से कहा कि आतंकवाद में शामिल बुद्धिजीवी समाज के लिए उन लोगों के मुकाबले कहीं ज्यादा खतरनाक हैं, जो कि जमीन पर काम करते हैं। इस दौरान पुलिस ने हाल ही में हुए लाल किला ब्लास्ट का भी जिक्र किया और कहा कि डॉक्टरों और इंजीनियरों का देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होना अब एक ट्रेंड बन गया है। इमाम और खालिद समेत अन्य आरोपियों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 2 सितंबर को दिए उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का...