मुरादाबाद, जुलाई 4 -- लाल मस्जिद में चल रहे दस रोजा जिक्र ए शहीदाने कर्बला में मुफ्ती दानिश कादरी ने 'अजमत-ए-अहले बैतऔर 'फजाइल-ए-हसनैन करीमैन रजियल्लहु अन्हुमापर रूहानी तकरीर दी। उन्होंने कहा बैत की मोहब्बत हर मुसलमान के ईमान का हिस्सा है और कुरान व हदीस में जगह जगह उनकी अजमत और फजीलत को बयान किया गया है। उन्होंने फरमाया कि सैयदना इमाम हसन और इमाम हुसैन सिर्फ जन्नत के जवानों के सरदार नहीं बल्कि हुजूर-ए-पाक की आंखों के तारे और दिल का सुकून हैं। उन्होंने वाक्या-ए-कर्बला का तफ्सील से जिक्र करते हुए कहा कि कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन रजियल्लाहु अन्हुमा ने जुल्म, जब्र, और ना इंसाफी के खिलाफ हक और इंसाफ की बुलंदी के लिए अपनी जान भी कुर्बान कर दी। उन्होंने कहा कर्बला हमें पैगाम देता है कि जामिल के सामने सिर नहीं झुकाना चाहिए, चाहे कितनी भी बड...