छपरा, मार्च 5 -- छपरा/ गड़खा, एक संवाददाता। रोजी रोजगार के लिए अपने घरों से दूर शहरों में रहने वाले बिहार के लोगों के लिए हर पर्व त्योहार काफी मायने रखता है। दिवाली, दुर्गापूजा और घर-रिश्तेदारों की शादियों में भी लोग पहुंचते हैं लेकिन होली व छठ में तो मानो घर आने की बेचैनी होती है। घर पहुंचने के लिए ट्रेन व बस का आसरा छूटता है तो अपनों से मिलने के लिए विमान की भी यात्रा से लोग परहेज नहीं करते। हवाई यात्रा से लेकर ऑटो के किराया तक मे जो लोगों को यत्न-प्रयत्न करना पड़ता है वह सफर का मारा ही जाने। ट्रेनों में नहीं मिलता कन्फर्म टिकट, विमान यात्रा में खर्च की दुश्वारियां शादी विवाह और इन पर्वों के समय दूसरे प्रदेश के शहरों से अपने घर आना काफ़ी चुनौती भरा होता है। इस समय बस, रेल व हवाई जहाज सेवाएं पूरी तरह से चरमरा जाती हैं। ट्रेनों में किसी को...