दरभंगा, मार्च 13 -- सिंहवाड़ा। तरह-तरह के होली गीतों के गुंजायमान होने से क्षेत्र में होली की मादकता बढ़ रही है। एक-दूसरे को रंग-गुलाल जबरन नहीं लगाने की परंपरा बढ़ी है। यही कारण है कि होली के दिन भी अब सड़क पर यातायात बहाल रहती है। बाबा हरिहरनाथ सोनपुर में रंग लूटे, सिया जी के हाथ कनक पिचकारी, राम जी के हाथ अबीर झोली, वृंदावन श्याम खेले होली आदि पारंपरिक होली गीत गांव-गांव में मठ-मंदिरों ही नहीं, लोगों के घर-दरवाजे पर भी बज रहे हैं। वहीं, चौक-चौराहा पर नकबेसर कागा ले भागा सैयां अभागा न जागा, भीगे रे चोली भीगे रे चुनरी, पियवा नहीं आये हे ननदो आदि रोमांटिक होली गीतों की मादकता से लोग सराबोर हो रहे हैं। होली के मौके पर डीजे साउंड के अश्लील गीतों पर थिरकने वाले युवक अब ऐसी हरकतों से परहेज करने लगे हैं। वहीं, हारमोनियम, ढोलक, झाल, करताल लेकर पारं...