लातेहार, मार्च 14 -- लातेहार प्रतिनिधि । खुशियों का पर्व होली यूं तो रंगों और अबीर-गुलालों का उपयोग के लिए सदियों से प्रसिद्ध है। पर इनदिनों अबीर-गुलाल और रंगों के तैयार करने में किए गए रसायनिक उपयोग ने लोगों को सकते में डाल दिया है। इसलिए उपयोग करने के पूर्व उनका असली-नकली का परखना निहायत जरूरी है। क्योंकि रसायन से बने रंग और अबीर-गुलाल त्वचा एवं सेहत दोनों के लिए काफी नुकसानदायक हैं। वहीं जिले के कुछ बुद्धिजीवियों की माने तो होली में उपयोग किए जाने वाले लाल,हरे,पीले,नीले,गुलाबी रंग के अबीर-गुलाल का अलग-अलग खास महत्व है। लाल रंग ऊर्जा,साहस और प्यार का प्रतीक है। नीला रंग शांति, विशालता और स्थिरता दर्शाता है तो हरा रंग हरियाली और खुशहाली का प्रतीक है। वहीं पीला रंग ज्ञान,प्रसन्नता और मानसिक प्रगति का परिचायक है। इसलिए होली पर रंगों का इस्...