संभल, मार्च 11 -- त्योहार पर नकली मावा होली के रंग को फीका कर सकता है। क्योंकि शहर में मिलावटखोर सक्रिय हैं। खरीदारी करते समय ही मिलावट की पहचान करना जरूरी है। मिलावटी मावे से बनी मिठाई से आपकी सेहत खराब हो सकती है। मिलावट की जानकारी होने पर संबंधित अधिकारी को इसकी सूचना दें। जिससे मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। होली, दीपावली व रक्षाबंधन आते ही मिलावट खोर सक्रिय हो जाते हैं। होली पर गुजिया के अलावा कई पकवानों में मावे की जरूरत पड़ती है। जबकि मावे की आपूर्ति सामान्य दिनों की तरह रहती है। इसके बाद भी शहर में भरपूर मात्रा में आपके लिए मावा उपलब्ध रहता है। यह तभी उपलब्ध रहता है जब बाजार में नकली मावे की भारी मात्रा में खपत की जाती है। शहर में मावा भरपूर मात्रा में उपलब्ध नहीं होता है और ना ही शहर में मावे की मंडी है। ऐसे में जनपद बद...